` क्या जरूरी था नागरिकता संसोधन बिल

क्या जरूरी था नागरिकता संसोधन बिल

क्या जरूरी था नागरिकता संसोधन बिल

आज देश पूरी तरहा से जल रहा है। देश में कई काॅलेज, विश्वविधालय के छात्र धरने पर है। देश में कई जगह इन्टरनेट की सुविधा बन्द है। कई जगहा देश के अंदर धारा 144 लगा है। क्यों?

क्या हमारे नेताओं को समझ नही आता की नागरिक संसोधन बिल के आने से देश में क्या हो रहा है। क्या उन्हें ये विचार नही करना चाहिए की जिस संसोधन का जनता इतना विरोध कर रही है। देश के पढे लिखे युवा उस बिल के विरोध में धरना कर रहे  है देश धर्म में बटता नजर आ रहा है इतने सब का करण बने बिल पर हमारे नेताओ को विचार नहीं करना चाहिए।
और मेरी खुद की राय में तो हमारे देश के नेताओं धर्म, जात, भगवा की राजनीति छोर कर देश की आर्थिक हालात सुधारने पर ध्यान देना चाहिए।
नागरिकता संसोधन बिल जो हमारे नेता जी लेकर आये क्या उस में धर्म के नाम पर नागरिकता देना जरूरी था? और अगर नेताजी जी शरणर्तीयों को इतने ही शरण देने वाले बन रहे है तो उस बिल में अगल-अलग धर्म लिखने की बजाये शरणर्ती ही लिख देते। ऐसा करने से कम से कम आज हमार देश जहाँ मनावता की मिसाले रखी जाती है ऐसे तो नही जलता । हमारे देश के काॅलेज जहाँ लोगो को अच्छा नगरिक बनाया जाता है वहाँ इस तरहा से दंगा तो नही होता।

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CAB & NRC

सच बात तो ये है की मुझे ये CAB और NRC कैसा कानून है समझ ही नहीं आता जो एक तरफ तो दूसरे देशों के गैर-मुस्लिम समुदायों को नागरिका देने की बात कहता और दूसरी तरफ इस देश के नागरिक होने के बाद प्रमाण-पत्र ना होने की स्थिती में देश से निकालने की बात करता है।
जहाँ देश आर्थिक मंदी से गुजर रहा है वहाँ आर्थिक स्थिती सुधारने की बजाये सब को अपनी नागरिकता प्रमाणित करने पर जोर दिया जा रहा है और इसके फिछे देश का लोगों का पैसा और समय दोनों ही धङले से बर्बाद किया जा रहा है।
यहाँ सवाल ना हिन्दू के लिए है ना मुस्लिम के लिए ना ही किसी और धर्म के लिए है । यहाँ सवाल तो देश के लिए है क्योंकि जब बेरोजगारी का बोलबाला बढता है तो वह धर्म-जात, पंत नही देखती है वो सभी को अपने डर के अंदर समेटती है।
हमारे देश के नेता ,मिडिया, जनाता सभी को धर्म, हिन्दु-मुस्लिम, मंदिर-मस्जिद, भगवा की राजनीति छोङ कर देश में बढती बेरोजगारी, जरजर होती शिक्षा व्यवस्था पर बात करना चाहिए। भारत पढे- लिखे बेरोजगारो का अनपढ देश बने इससे पहले यहाँ के लोगो को समझा चाहिए की जिस एक बिल के लिए वो सारी समस्यों को भुला कर कोई उसके पक्ष से कोई विपक्ष से जहर ऊगल रहा है उसके आये बिना भी देश चल रहा था और इस तरहा से जल नहीं रहा था।
समझदार बनिए ये तो नहीं कह सकती की क्योंकि समझदार सब होते है बस मूर्खता वश अपनी समझ का इस्तेमाल नही करते है।

अपनी समझ का इस्तेमाल करे सरकार से रोजगार ,शिक्षा, स्वास्थय की बात करे ।

Janshruti & Team

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