` धैर्य से सफलता | Success from Patience

धैर्य से सफलता | Success from Patience

धैर्य से सफलता | Success from Patience  

हमे अकसर कहा जाता है, हमें धैर्य रखना चाहिए। इस पर हम बहुत सारे लोगों के विचार सुनते पर समझ नहीं पाते धैर्य रखना सही है या नहीं, हमें कब तक धैर्य रखना चाहिए ?और ऐसे बहुत सारे सवाल है जो हम खुद से करते हैं  और उन सब का जबाव पाने के लिए अगल -अलग लोगों के विचारो को सुनते है और उन्हें सुन कर हम और उलझ जाते है।  विचारक हम से कहते है हमें धैर्य रखना चाहिए, पर कब तक नहीं समझाते । 

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अब जानते धैर्य रखना सही है या गलत ?

धैर्य  रखना सही है । पर कब तक ये जानना आवश्यक है हमारे लिए कि हमें कब तक धैर्य रखना चाहिए । अगर हम किसी सफलता को पाना चाहते है तो उस में लगने वाले कम से कम समय तक तो हमें धैर्य रखना आवश्यक है। अगर कार्य के पूर्ण होने में लगने वाले समय में हम धैर्य रखकर कार्य नहीं करते तो कार्य में त्रुटि होने की सम्भावना और कार्य में लगने वाली समय की बढोतरी होती है ।

अब कुछ लोगों का सवाल होगा, अगर किसी कार्य में लगने वाले कम से कम समय से ज्यादा समय आपक का लग रहा है, तो क्या धैर्य रखना सही है ?


जी हाँ, अगर आप निरंतर उस कार्य को पूर्ण करने का प्रयास कर रहे हैं तो आपको को धैर्य रखना चाहिए।

अब बात करते सफलता की कुंजी पर । अब हमारा सवाल होगा:-

क्या है सफलता की कुंजी?

हर व्यक्ति अपने लक्ष्य में सफलता पाना चाहता है। पर क्या सभी को सफलता मिलता है ?
क्यों हर व्यक्ति अपने लक्ष्य में सफल नहीं होता क्या कारण है, हम निरंतर कार्य करने के बाद भी सफल नहीं होते।

ज्यादातर व्यक्ति अपना लक्ष्य तो बङा चुन लेते है ,परन्तु वो अपने लक्ष्य के अनुसार निरंतर धैर्य के साथ कार्य नहीं कर पाते है ।

अगर उन्हें अपने लक्ष्य को पाने समय लगता है या पहली बार में असफलता हाथ लगने पर वो अपना धैर्य खोने लगते है और अपने मन को अव्यवस्थित कर लेते है। इसका नतीजा यह होता है की कुछ व्यक्ति अपना लक्ष्य का चुनाव बदल देते  है और कुछ अंधकार की दिशा में खुद को खो देते और अपने आप को हर कार्य में अस्मर्थ पाते है। जो लोग असफलता के कारण या धैर्य के अभाव में बार-बार अपना लक्ष्य बदलते  है वो अपने जीवन में निरंतर कार्यरत रहते है परन्तु कभी एक लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर पाते और जो लोग असफल होने के बाद खुद को किसी कार्य के लायक नहीं समझते वो निरंतर खुद से हार मानकर जीवन जीते है।

धैर्य के साथ निरंतर अपने लक्ष्य को पाने की दिशा में कार्य करना ही सफलता की कुंजी है।

अब आप सब समझ गये होगे की धैर्य रखना कितना सही है ।

Janshruti & TeamNisha Nik (ख्याति)

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